BA Semester-2 Ancient Indian History and Culture - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2723
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर

 अध्याय - 5

सातवाहन वंश

(Satvahana Deynasty)

प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।

अथवा
सातवाहनकालीन दक्षिण भारत की सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक स्थिति को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

सातवाहन युगीन दक्कन

दक्कन शब्द का प्रयोग विंध्य के दक्षिण के भू-भागों के लिये प्रायः हुआ है पर विशेष रूप से इससे अभिप्रेत है महाराष्ट्र प्रदेश और उससे सटा भू-भाग। यद्यपि बाद के कुछ सातवाहन शासकों ने सम्पूर्ण दक्षिण पर अधिकार की बात की। उनका अधिकार उसके कुछ भाग पर ही था क्योंकि इनके सबसे शक्तिशाली शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी का भी अधिकार विंध्य के दक्षिण कृष्णा नदी तक दक्षिण में और उत्तर में मालवा और सौराष्ट्र तक था।

सातवाहन युगीन दक्कन में कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। इस काल में दक्कन की शासन व्यवस्था, सामाजिक, आर्थिक तथा धार्मिक दशा और भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में विशेष रूप से उन्नति हुई जिसका विवरण निम्न प्रकार से है-

शासन व्यवस्था - सातवाहन युगीन दक्कन में शासन का स्वरूप राजतन्त्रात्मक था। सम्राट प्रशासन का सर्वोच्च अधिकारी होता था। सातवाहन नरेश 'राजन्', 'राजराज', 'महाराज' तथा शकों के अनुकरण पर 'स्वामिन्' जैसी उपाधियाँ धारण करते थे। रानियाँ 'देवी' या 'महादेवी' की उपाधि धारण करती थीं। यद्यपि राजाओं के नाम मातृ-प्रधान हैं तथापि ऐसा माना जाता है कि उत्तराधिकार पुरुष वर्ग मे ही सीमित था तथा वंशानुगत हेता था। कभी-कभी राजा की मृत्यु के बाद यदि उसका पुत्र नाबालिग होता था तो उसके भाई को राजपद दे दिया जाता था। स्थानीय शासन अधिकांशतः सामन्तों द्वारा चलाया जाता था। प्रशासन की सुविधा के लिये साम्राज्य को अनेक विभागों में बाँटा गया था जिन्हें 'आहार कहा जाता था।

सामाजिक व्यवस्था - सातवाहन युगीन दक्कन में समाज वर्णाश्रम धर्म पर आधारित था। चारों वर्णो में ब्राह्मणों का स्थान सर्वोपरि था। सातवाहन नरेश स्वयं ब्राह्मण थे। इस काल के समाज की प्रमुख विशेषता शकों तथा यवनों का भारतीयकरण है। समाज में स्त्रियों की दशा अच्छी थी। कभी-कभी वे शासन के कार्यों में भी भाग लिया करती थी। सातवाहन राजाओं के नाम का मातृ-प्रधान होना स्त्रियों की सम्मानपूर्ण सामाजिक स्थिति का सूचक माना जा सकता है।

आर्थिक दशा - सातवाहन युग दक्षिण भारत के इतिहास में समृद्धि एवं सम्पन्नता का युग था। राजा के पास अपनी निजी भूमि होती थी। किसान भी भूमि के स्वामी होते थे। राजा कृषकों की उपज का छठा भाग कर के रूप में प्राप्त करता था। कृषि की उन्नति के साथ ही साथ व्यापार व्यवसाय की बहुत अधिक प्रगति हुई। इस काल में कुम्भकार, लोहार, स्वर्णकार, अनाज के व्यवसायी, बाँस का काम करने वाले, तेली, काँसे के बर्तन बनाने वाले आदि व्यवसायियों का उल्लेख मिलता है। व्यापार-व्यवसाय में चाँदी एवं ताँबे के सिक्कों का प्रचलन था। सातवाहन नरेशों के कुछ सिक्कों पर 'दो पतवारों वाले जहाज' के चित्र भी प्राप्त हुए हैं। सातवाहन साम्राज्य आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध माना जाता है।

धार्मिक दशा - सातवाहन राजाओं का शासनकाल दक्कन में वैदिक तथा बौद्ध धर्म की उन्नति का काल था। स्वयं सातवाहन नरेश वैदिक (ब्राह्मण) धर्म के अनुयायी थे। इस काल में इन्द्र, कृष्ण, पशुपति एवं गौरी की पूजा का उल्लेख मिलता हैं। सातवाहन लेखों में शिवपालित, शिवदत्त कुमार आदि नाम मिलते हैं जिनसे शिव तथा स्कन्ध की पूजा की सूचना मिलती है। इसी प्रकार विष्णुपालित जैसे नामों से विष्णु - पूजा का संकेत मिलता है। सातवाहन नरेश अन्य धर्मों के प्रति भी सहिष्णु थे। उन्होंने अपने शासन में बौद्ध धर्म को भी संरक्षण प्रदान किया था। सातवाहन काल में दक्कन की सभी गुफायें बौद्ध धर्म से ही सम्बन्धित हैं।

भाषा एवं साहित्य - इस युग में महाराष्ट्री प्राकृत भाषा दक्षिण भारत में बोली जाती थी। यही इस समय की राष्ट्रभाषा थी। इसी भाषा में कुल 700 आर्या छन्दों का संग्रह है जिसका प्रत्येक पद्य अपने आप में पूर्ण तथा स्वतन्त्र है। शर्ववर्मन ने 'कातन्त्र' नामक संस्कृत व्याकरण ग्रन्थ की रचना की थी। इसकी रचना अत्यन्त सरल शैली में हुई। इसमें अति संक्षेप में पाणिनीय व्याकरण के सूत्रों का संग्रह हुआ है। ऐसी धारणा है कि इस समय संस्कृत भाषा का भी दक्कन में व्यापक प्रचार था। बृहत्कथा से ज्ञात होता है कि.. हाल की एक रानी मलयवती संस्कृत भाषा की विदुषी थी। उसी ने हाल को संस्कृत सीखने के लिए प्रेरित किया था जिसके परिणामस्वरूप 'कातन्त्र' की रचना की गयी थी।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की सुस्पष्ट जानकारी दीजिये।
  4. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  5. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  6. प्रश्न- 'फाह्यान' पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  8. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्राचीन इतिहास अध्ययन के स्रोत
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- नन्द कौन थे महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- छठी सदी ईसा पूर्व में गणराज्यों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  14. प्रश्न- छठी शताब्दी ई. पू. में महाजनपदीय एवं गणराज्यों की शासन प्रणाली के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
  16. प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
  20. प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- गणराज्य किसे कहते हैं?
  22. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - महाजनपद एवं गणतन्त्र का विकास
  23. उत्तरमाला
  24. प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  25. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए|
  26. प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  27. प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
  28. प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
  30. प्रश्न- भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
  33. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
  36. उत्तरमाला
  37. प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
  38. प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
  41. प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
  43. उत्तरमाला
  44. प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
  46. प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
  47. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  49. प्रश्न- नहपान कौन था?
  50. प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
  51. प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
  53. उत्तरमाला
  54. प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  56. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
  57. उत्तरमाला
  58. प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
  59. प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
  60. प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
  61. प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
  62. प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
  64. प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
  65. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
  66. उत्तरमाला
  67. प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  68. प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
  70. प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
  71. प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  72. प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
  76. प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
  77. प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
  83. प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
  86. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
  88. उत्तरमाला
  89. प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
  91. उत्तरमाला
  92. प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  93. प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
  96. उत्तरमाला
  97. प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
  99. प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
  100. प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
  101. प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
  102. प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
  103. प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
  104. प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
  105. प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
  106. प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  108. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
  109. उत्तरमाला
  110. प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
  111. प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  112. प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
  113. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
  114. उत्तरमाला
  115. प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
  116. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
  118. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
  120. उत्तरमाला

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